बेवफा शायरी, इश्क़ शायरी, नयी शायरी,

उदास शायरी
   कब्रिस्तान जैसी हो गयी हैं दिल ए हालत मेरी, 
   लोग आते तो हैं यहाँ मगर पल भर के लिए! 
नयी शायरी
 दौलत तो मैं भी कमा सकता था जिंदगी में 
 लेकिन किसी का दिल दुखे बो मुनाफा मंजूर न था! 
इश्क़ शायरी
  कमबख्त इश्क भी अजीब है यार उसी से होता हैं, 
        जिसको पाना मुकद्दर नहीं होता हैं
नयी शायरी
ऐ मेरे दोस्त जिन्हें हम शायरी कहते हैं, 
वो किसी की जिंदगी का सफरनामा है! 
बेवफा शायरी
 किसे सुनाए अब हालात ऐ दर्दे  दिल, 
  लोग पास आते ही नहीं अब खाली जेब देखकर! 
बेवफा शायरी
खता कर बैठे हम किसी पर खुद से ज्यादा भरोसा करके, बहुत दर्द होता हैं जब कोई अपना रुला के जाए! 
इश्क़ शायरी
ये इश्क़ भी क्या अजीब है यार , 
किसी को हो जाए तो आदमी क्या काम का
किसी को ना हो तो  जीवन क्या काम का ! 
इश्क़ शायरी
करना पड़ता है किसी न किसी पर भरोसा, 
 जिंदगी में सब कुछ करना खुद के हाथों में कहां! 
नयी शायरी
चंद पैसों से मिल जाती हैं तकदीरें यहाँ, 
जहाँ में हुनर ए काबिलियत की कीमत कहाँ! 
   बेवफा शायरी
जुदा न करना मुझको मेरी तन्हाई से साहब , 
अब नफरत सी हो गयी है मुझे मतलबी भीड़ से! 
इश्क़ शायरी
अब फर्क नहीं पड़ता जिंदगी में खुशी मिले या गम,
बेनकाब कैंसे करु उन चेहरों को जिन्हें प्यार करते थे हम! 
बेवफा शायरी
न करना उम्र भर वफ़ा ऐ उम्मीद किसी से, 
अपने ही ना हुए अपने क्या उम्मीद करें जमाने से! 
न छेड़ना अपना गम ए किस्सा किसी से, 
नजर फेर लेते हैं लोग बक्त ए हालात देखकर! 

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