,कोरोना पर शायरी, इश्क़ शायरी, मोहब्बत शायरी, उदास शायरी, बेवफा शायरी,

       ,,इश्क़ शायरी,, 
 21. तेरे प्यार का नशा अब सुबह शाम सा रहता हैं,       तुझे ना देख लू जालिम, तब तक बुखार सा रहता हैं! 

,,बेवफा शायरी,,

 22.पता नहीं ओ बेवफा तू उन्हें कैसे अच्छी लगती हैं, 
       मेरे लिए तो तू आज भी कोरोना जैसी  हैं! 

       ,,  बेवफा शायरी,, 
  23.  आसान हैं नफरतों का सिलसिला जहाँ में, 
          ता उम्र वफा करे आपसे बो शख्स कहां! 

   ,,इश्क़ शायरी,, 
  24. इश्क़ कड़वा जहर सा, इश्क़ मीठा शहद सा , 
    इश्क़ मुलायम हैं रेशम सा इश्क़ कठोर हैं पत्थर          सा! 
 
  ,,इश्क़ शायरी,, 
25. उम्र भर करते रहे इश्क़ हम उनसे, वफ़ा ए              उम्मीद में, 
    आखिर बो बिच ही गये , चंद कागज के टुकड़ों         में! 
       ,,मोहब्बत शायरी,, 

         ,, मोहब्बत शायरी,, 
26.   लाख उठाये लोग उंगली तुझ पर आज भी 
        फर्क नहीं पड़ता हैं , 
        मेरे लिए तो तू आज भी कोरोना बैक्शीन की 
         तरह हैं,! 
        
       ,मोहब्बत,शायरी, 

 27.   कर दिया दुनिया ने तुझे यू हीं बदनाम , 
           मेरे लिए तो तू आज भी जन्नत हैं!   

     ,, मोहब्बत शायरी,, 
28.   मोहब्बत को जुर्म बताते वो लोग नादान हैं, 
      नफरत प्यार भरे रिश्तों को भी बर्बाद कर देती हैं! 

,,नयी शायरी,, 
29. पसंद नहीं आया उसे मेरे सच बोलने का अंदाज, 
         झूठी दिलाशा देना मेरी फितरत नहीं था ! 

,,उदास शायरी,, 

30. किसी का दिल दुखा कर हमें जश्न मनाना नहीं
    
   आता, 
    हम वो इंसान हैं ,कोई अगर भूखा हो तो हमें          खाना नहीं भाता! 

   

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