,बेवफा शायरी, नयी शायरी, इश्क़ शायरी, मोहब्बत शायरी,
,इश्क़ शायरी,
,बेवफा शायरी,
नहीं है मुझे जिंदगी में मतलबी लोगों की भीड़ पसंद, इतना कहने से ही मुझे अपना समझने वाले भी दूर हो गये! ,बेवफा शायरी,
कभी भीड़ हुआ करती थी बातों से मेरी,
आज हकीकत बयां करना भी मेरी गुस्ताखी
,इश्क़ शायरी,
ये इश्क़ मोहब्बत का खेल भी अजीब है जनाब
तेरे साथ हंसी के दो चार पल क्या गुजारें,
,इश्क़ शायरी,
तुझसे एकतरफा मोहब्बत ही दिल की बेबसी है मेरी, तुझसे इश्क़ करना बचपन से आदत हैं मेरी
,उदास शायरी,
हकीकत में जी लो तुम अपनी जिंदगी,
,नयी इश्क़ शायरी
मुझसे मेरी हर एक सुबह पूछती यही सबाल ,
एक ख्वाब सोचा था मेनें तुझसे प्यार हो जाएगा ,
ये ना समझ पाये कि तू बेवफा भी हो जाएगा!
किसी को चंद लफ़्ज़ों से समझ पाना मुमकिन नहीं हैं,
सोचता था में की इश्क़ के रास्ते कितने हसीन होगें,
कितनी हसरत थी हमें तुझको दिल में सजोने की,
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