संदेश

जून 14, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

,,नयी शायरी,,

चित्र
2.🥰 तेरे आशिक जरूर हैं तेरे गुलाम नहीं हम,      बेच दे जमीर को हुस्न के लिए इतने गिरे नहीं हम🤠

,,इश्क़ शायरी,,

चित्र
1.इश्क़ ए राह में अगर ख्वाब सभी के मुक्कमल  होते ,  तो आशिक मयखानों में नहीं महलों में होते!